महीने का पंचवा दिन था, महीनेभर की ख़रीदारी के लिए राहुल को बाज़ार जाना पढ़ा , ग्रोसेरी का लिस्ट नजदीकवाले दुकान मे देने के बाद राहुल बड़ा बाज़ार चला गया,बहुत सारी छीजे खरीदनी है ,सबसे ज़्यादा जिस चीज़ को वो ध्यान मे रखा वो है आचार, लगभग एक साल पहले वो आचार उसने खाई थी उसके बाद वो आचार आउट ऑफ मार्केट हो गया .। उसके बाद से जब भी राहुल बाज़ार जाता है तो उस आचार का खोंज लगाता है...काश की वो मिल जाए , इस बार चार पाँच दुकान मे खोंज लगाया और सभी ने कहा के वो आचार अब आउट ऑफ प्रॉडक्शन हो गया है, राहुल ने सोचा चलो एक आखरी दुकान मे पूछ लेते है फिर घर चले जाएँगे । उस दुकानदार ने भी निराश किया I
दुकान से निकलते ही एक लड़की पर राहुल की नज़र अटक गई, वो लड़की एक लाल रंग का सलवार सुइट पहनी हुई थी, उसके साथ उसका एक दोस्त भी था, दोनों बाते करते हुए धीरे धीरे चली आ रही थी, राहुल ने कब तक उसे देखा यह खयाल नहीं, होंश तब आया जब वो लड़की राहुल के सामने आ के चिल्लाने लगी
... शरम-बरम है भी के नहीं, यहा फिर सब बेच खाये हो, तुम जैसो लड़को के लिए लड़कियों का बाहर निकालन मुश्किल हो गया है , या तो बातो से छेरते रहते हो या फिर आंखो से, कबसे देख रही हूँ घूरे ही जा रहे हो मुझे, तुम लोगो को समझमे नहीं आता के इस से लड़कियों की कितनी परेशानी होती है, कहा से समझोगे तुम, तुम लोग तो बास हवस के पुजारी हो ।
राहुल चुपचाप खड़ा उसकी बाते सुन रहा था, दो चार लोग भी आ कर जुट गए थे । उस लड़की की दोस्त बार बार कह रही थी
...छोड़ ना यह सब, तू मेरी बात सुन
...नहीं सुनना है मुझे तेरी बात
गुस्से से अपनी दोस्त को जवाब दे कर फिर वो राहुल की तरफ मुड़ी और कहने लगी
... तुम लोग किया समझते हो हम सब चुपचाप सहते जाएंगे, कोई भी आवाज़ नहीं उठाएगा...
ये कहे कर लड़की ने अपना हाथ उठाया और जैसे ही उसकी हात राहुल के गाल के करीब पहुंचा तो राहुल के कंधे के पीछे से एक हाथ आ कर उस लड़की की हाथ को पकड़ लिया और फिर ज़ोर से नीचे धकेल दिया और कहा
...एक भी लफ्ज और निकाला तो एक झापर लगाऊँगी तेरे कान के नीचे
इस से उस लड़की को और भी गुसा आया और हाथ पकड़नेवाली की और देखा और पूछा
...आप ने क्यूँ मेरा हाथ पकड़ा ? क्यूँ आप इसे बचा रही हो ?क्या आप इस की बहन हो?
हाथ पकड़नेवाली लड़की ने कहा
...दोबारा मुझे इस की बहन बोली तो एक नहीं दो झापर लगाऊँगी तेरे दो कान के नीचे
...अच्छा तो तुम इसकी Girlfriend हो , तुम्हें शर्म नहीं आती अपनी बोयफ्रेंड की गलत काम जानने के बाद भी उसकी तरफदारी करने मे ? तुम जैसी लड़कियो के लिए ये लड़के बिगरते रहते है , तुम्हें देख के मुझे घीन आ रही है ।
इतना बोल के वो लड़की चुप हो गई तब राहुल की तरफदारी करनेवाली लड़की ने बहोत शांत आवाज़ मे पूछा
...हो गया आपका, अब में बोलू ?
...क्या बोलेंगी आप !!!!
...पहली बात तो ये है के...हम लड़कियों को एक उम्र के बाद इतना समझने की क्षमता मिल ही जाती है के कौन हमारी तरफ किस नज़र से देख रहा है, किस की नजरों मे इज्जत है, कौन हमे वुरी नजर से देख रहा है ये सब हम समझ जाते है लड़को की देखने की अंदाज़ से...
इसी बीच उस लाल सलवारवाली की दोस्त ने कहा
...आपने बिलकुल ठीक कहा दीदी, में इसे कबसे यही बात समझाने की कौशीस कर रही हूँ के इस लड़के की नज़र मे कोई बुराई नहीं है, ये भैया तो मानो जैसे किसी खयाल मे डूबे है , इस दुनिया से कही दूर...
राहुल की तरफदारी करनेवाली लड़की ने उस लाल सलवार पहनी हुई लड़की से कहा
...तुम्हारी दोस्त बिलकुल सही कह रही है, अब तुम सोचोगे के मुझे कैसे पता, में तो राहुल के पीछे था तो तुम्हारी जानकारी के लिए बता दु के मुझसे ज़्यादा राहुल को कोई जान ही नहीं सकता, तुम्हें अगर ये गलतफेमि है के तुम्हारी खूबसूरती या फिर तुम्हारी हुस्न को यह देख रहा था तो तुम बिलकुल गलत हो, अगर तुम्हारे गले में ये दुपट्टा ना होता तो राहुल तुम्हारी ओर कभी देखता ही नहीं
तब लाल सालवारवाली ने हैरानी से पूछा
...खास किया है इस दुपट्टे मे ।
...ये वो दुपट्टा है जो में कभी इस्तेमाल किया करती थी, वैसे दुपट्टे राजस्थान मे बनाई जाती है,उन दिनो इस तरह का दुपट्टा काफी मशहूर हुआ था , मेरे पास भी बिलकुल ऐसा ही एक था, लाल रंग के ऊपर सफ़ेद प्रिंट, ये राहुल को बहुत पसंद था और आज भी है ।
तभी लाल सलवारवाली ने कहा
...तो वो दुपट्टा अब तुम्हारे पास नहीं है और इसी लिए ये भाईसाब किसी भी लड़की को घूरते रहेंगे ?
फिर चिल्लाके कहा... तुम ऐसा ही एक दुपट्टा क्यूँ नहीं खरीद लेती ?
राहुल की तरफदारी करनेवाली ने बहोत ही शांत आवाज़ मे जवाब दिया
... तुम अपने गुस्से को थोड़ा काबू करो, ऐसा नहीं के जो तुम देझ रही हो या फिर सोच रही हो वही सच हो, हो सकता है की शायद तुमसे कोई गलती हो रही है
...क्या गलती ?
...बात ये नहीं के मेरे पास वो दुपट्टा है भी या नहीं , बात ये है के अब हम दोनों साथ नहीं , आज से तेरा साल से भी ज़्यादा वक़्त पहले हम दोनों एक दूसरे से जुदा हो गए थे और तुम्हें यकीन आए या ना आए पर सच ये है के उसके बाद हम लोगो की कभी भी मुलाक़ात नहीं हुई ।
वो दो लड़की बड़ी बड़ी आंखो से और बहुत ही हैरानी से एक बार राहुल को और एक बार उस लड़की को देख रह थे, फिर धीरे धीरे पूछा
... तेरा साल से भी ज़्यादा !!!! और उसके बाद मुलाक़ात भी नहीं हुई कभी , अच्छा ऐसा भी तो हो सकता है के इन तेरा सालो मे इस भैया को किसी एक या दो लड़की से मोहब्बत हो गयी हो
राहुल की एक्स ने जवाब दिया
...तुम्हारे भेजे मे कोई सीधी बात घुसती क्यूँ नहीं?? अगर राहुल को किसी और से प्यार होता तो इस दुपट्टे को देख कर वो ख़यालो मे क्यूँ खो जाता ? और सबसी बड़ी बात... तुम्हें मेंने कहा ना के मुझसे बेहतर राहुल को कोई जान ही नहीं सकता, मानते है के हम दोनों एक दूसरे के साथ ज़्यादा वक़्त तक नहीं थे लेकिन हम दोनों एक दूसरे की बात बिना बोले ही समझ जाते थे , कहो तो एक किस्सा भी सुना सकती हूँ , और तुम्हें तो इतनी सीधी सी बात समझ मे नहीं आ रही के... जिससे में तेरा साल पहले जुदा हुई थी उसे कोश ने की जगह में उसकी तरफदारी क्यूँ कर रही हूँ ।
तभी भीड़ मे से किसी ने कहा
... ये लड़की बिलकुल सही कह रही है , इन दोनों के प्यार एक जमानेमे बहुत ही मशहूर था और कुच्छ लोगो को तो आज भी ये हैरानी है के ये दोनों जुदा क्यूँ हुए ।
इस बात से दो चार और लोग भी अपनी सहमत जताई ।
जब उन सब की बाते खतम हुई तो उन दोनों लड़कियो के आंखो मे आँसू थे , लाल सलवारवाली ने कहा
...कमाल की है तुम्हारी मोहब्बत भी, एक ने दुपट्टा नहीं भुला और दूसरे को आज भी इतना बिशवास है ।
फिर राहुल की ओर देखा और कहा
...सरी भैया गलती हो गई, मेरी दोस्त भी कह रहती थी की आपकी नज़र तो मेरी तरफ है लेकिन आप मुझे नहीं देख रहे हो , लेकिन मेंने ही उसकी बात नहीं मानी
यह कह कर वो दोनों चली गई ।
तब राहुल की मुह से आवाज़ निकला
...टीना एक बात कहनी थी तुमसे
टीना अपनी Scooty निकाल के उसमे बैठ गई थी , राहुल को बीच मे ही टोक दिया
...तुम मेरी एक बात सुनो, ज़रा सम्भल के जाना, यूं ख़यालो मे खो जाओगे तो Accident भी हो सकता है ।
ये कह कर टीना अपनी Scooty start कर के वहाँ से चली गई ।
राहुल जानता था टीना उससे बात नहीं करेगी ...
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